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घोसी में स्वच्छता सर्वेक्षण को लेकर कवायदें तेजः वार्डो में संसाधनों का वितरण, कूड़े का ढेर बनी चुनौती

जागरूकता अभियान में जुटीं टीमें

नगर पंचायत ने स्वच्छता के प्रति जन जागरूकता बढ़ाने के लिए अभियान तेज कर दिया है। सफाई कर्मियों की टीमें नागरिकों को गीला और सूखा कचरा अलग करने, डस्टबिन का सही इस्तेमाल करने और कचरा नगर पंचायत की गाड़ियों में डालने के लिए प्रेरित कर रही हैं।घोसी नगर पंचायत के कई इलाकों में गंदगी अब भी एक बड़ी समस्या बनी हुई है। बड़ागांव वार्ड के नए रेलवे रोड के किनारे, मदापुर में कोतवाली के पीछे, बड़ागांव भरौटी, करीमुद्दीनपुर बगहि, और सीताकुंड दाल मिल के पास कूड़े के ढेर स्वच्छता अभियान को चुनौती दे रहे हैं। इन स्थानों पर कूड़ा डंप होने से स्थानीय लोग परेशान हैं।नगरवासियों का कहना है कि स्वच्छता सर्वेक्षण के नाम पर योजनाएं तो बनाई जाती हैं, लेकिन कुछ इलाकों में सफाई की स्थिति जस की तस बनी हुई है। अब देखना यह होगा कि नगर पंचायत की टीमें इन चुनौतियों से कैसे निपटती हैं और स्वच्छता सर्वेक्षण में बेहतर रैंकिंग हासिल कर पाती हैं या नहीं।मऊ के घोसी नगर पंचायत ने स्वच्छता सर्वेक्षण 2024 में अपनी रैंकिंग सुधारने के लिए कमर कस ली है। नगर क्षेत्र के 18 वार्डों में सफाई कर्मचारियों की टीमें संसाधनों से लैस होकर डोर-टू-डोर पहुंच रही हैं। ये टीमें नागरिकों से स्वच्छता अभियान में सहयोग करने की अपील कर रही हैं।हर वार्ड में बांटे गए सफाई संसाधनअधिशासी अधिकारी अनिल कुमार ने बताया कि नगर के सभी 18 वार्डों में स्वच्छता अभियान को गति देने के लिए 6200 प्लास्टिक बाल्टियां, 100 स्टील के बकेट, हरे और नीले रंग की 200 डस्टबिन, 500 लीटर क्षमता वाले 100 बड़े डस्टबिन, और सफाई के लिए 100 हैंड ट्रालियां वितरित की गई हैं। सकरी गलियों में सफाई सुनिश्चित करने के लिए खासतौर पर हैंड ट्रालियों का उपयोग किया जा रहा है। इसके अलावा, प्रतियोगिता कार्यक्रम आयोजित कर स्वच्छता में योगदान देने वालों को पुरस्कृत करने की योजना भी बनाई गई है।

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